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Sangya In Hindi – संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण

Hindi Grammar के इस भाग मे मै आपको sangya ke kitne bhed hote hain, Sangya Ki Paribhasha, Sangya Ke Bhed, Sangya In Hindi तथा Sangya Kise Kahte Hai के बारे मे पूरी जानकारी दी गई है, जिससे आपको अपनी परीक्षाओं मे तैयारी करने मे कोई ज्यादा परेशानी न हो।

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इसको पढ़ने के बाद आप Sangya worksheets for class 9, 10, 11, 12, 8 आदि कक्षाओं के साथ-साथ UPTET, UP PET, UPSSSC Lekhpal जैसे सभी परीक्षाओं मे काफी मदद करेगा। तो इसको पूरा जरूर पढ़ें।

sangya in hindi

Sangya In Hindi – संज्ञा की परिभाषा

संज्ञा की परिभाषा– संज्ञा का मतलब होता है नाम यानी किसी वस्तु, व्यक्ति व स्थान के नाम को ही संज्ञा कहते है। इसे अंग्रेजी मे Noun कहते है।

अन्य शब्द मे, यह कह सकते है कि जिन विकारी शब्दों से किसी व्यक्ति, प्राणी, गुण, स्थान, भाव इत्यादि का बोध होता है तो उन्हें संज्ञा कहते है। इस तरह नाम और संज्ञा समानार्थक शब्द कहलाते है।

Sangya Ke Bhed – Sangya Ke Prakar

अर्थ मे आधार पर संज्ञा के पाँच भेद होते है, यानी संज्ञा कुल 5 प्रकार की होती है, जिनके आधार पर हम जानते है कि कौन शब्द सज्ञा है और कौन नहीं। ये निम्न है-

SANGYA KE BHED
  1. जातिवाचक संज्ञा
  2. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा
  4. समूहवाचक संज्ञा
  5. द्रव्यवाचक संज्ञा

Jativachak Sangya Ki Paribhasha

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा- वह संज्ञा शब्द जिनसे किसी एक ही प्रकार की अनेक वस्तुओं का बोध होता है या कि वे संज्ञा शब्द जिनसे पूरी जाति का बोध होतो है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे- घर, पहाड़, शहर, पशु, नदी आदि।

यहाँ पहाड़ कहने से सभी तरह के पहाड़ का बोध होता है चाहे वह अलकनंदा हो या फिर कोई और, उसी प्रकार घर कहने से सभी प्रकार के घर का बोध होता है न कि किसी एक ही व्यक्ति विशेष का घर का बोध होता है। जैसे-

  • प्राकृतिक तत्त्वों के नाम – वर्षा, बिजली, तूफान, ओला, वृष्टि, हिमपात, ज्वालामुखी, आँधी इत्यादि।
  • पशु-पक्षिओं के नाम – बैल, हिरण, तोता, मोर, मैना, कुत्ता, शेर, गधा, लोमड़ी, मेमना, हाथी, जिराफ, बुलबुल इत्यादि।
  • वस्तुओं के नाम – कुर्सी, पुस्तक, कलम, चाकू, मकान, मेज, सोफा इत्यादि।
  • व्यवसायों, कार्यों, पदों आदि नाम – माँ, मामा, डॉक्टर, मजदूर, अध्यापक, मन्त्री, अध्यक्ष, वकील, भाई, किसान, नेता इत्यादि।

Jativachak Sangya Ke Udaharan

  1. नदी बह रही है।
  2. पक्षी चहचहा रहे है।
  3. क्या रमेश डॉक्टर है?
  4. तुम चाकू से गाजर काट दो।
  5. आज तूफान आयेगा।
  6. कहाँ पर ओला वृष्टि हुई है।
  7. पशु घास चर रहे है।
  8. रमेश घर जा रहा है।
  9. मोहन का घर सुन्दर है।
  10. वह कुर्सी पर बैठा है।

Vyakti Vachak Sangya Ki Paribhasha

व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा – जिस संज्ञा शब्द से नाम, वस्तु, व्यक्ति या स्थान आदि के नाम का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। इसे ही अंग्रेजी मे Proper Noun कहते है।

  • नदियों के नाम – यमुना, गोदावरी, सिन्धु, गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी आदि।
  • व्यक्तियों के नाम – कृष्ण, हनुमान, ईसा मसीह, कृष्ण, गौतम बुद्ध, राम इत्यादि।
  • ग्रन्थों के नाम – रामायण, कामायनी, कुरान, साकेत, रामचरितमानस आदि।
  • फलों के नाम – अमरूद, सेब, संतरा, मिर्च, केला, आम, आलू इत्यादि।
  • समाचार-पत्रों के नाम – हिन्दुस्थान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, द हिन्दू, टाइम्स ऑफ इण्डिया इत्यादि।

Vyakti Vachak Sangya Ke Udaharan

  1. यमुना दिल्ली मे बहती है।
  2. सेब स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा फल होता है।
  3. हिन्दुस्तान भारत देश का बहुत बड़ा समाचार-पत्र है।
  4. माहाभारत दुनिया का सबसे बड़ा ग्रन्थ है।
  5. यह सम्पादकिय दैनिक जागरण मे कल छपा था।
  6. गौतम बुद्ध जी ने बौध धर्म को शुरु किया था।
  7. सिन्धु नदी भारत से पाकिस्तान देश मे जाती है।

जातिवाचक और व्यक्तिवाचक संज्ञा में अन्तर

जातिवाचकव्यक्तिवाचक
स्त्रीराधा
नगरमुम्बई
कविसूरदास
नदीयमुना
पर्वतहिमालय

Bhav Vachak Sangya Ki Paribhasha

भाववाचक संज्ञा की परिभाषा – जिन संज्ञा शब्दो से किसी वस्तु के भाव, गुण, दशा या फिर अवस्था आदि का बोध होता है, उसे ही भाववाचक संज्ञा कहते है। इसे Abstract Noun भी कहते है।

इससे आप इस तरह भी समझ सकते है कि, जिस चीज़ को छू न सके पर उसके होने का बोध हो या फिर महसूस हो तो वह सबकुछ भाववाचक संज्ञा के अन्तर्गत आता है। जैसे –

  • अवस्था के अस्थ में – जवानी, बुढ़ापा, लड़कपन, बचपन इत्यादि।
  • भाव के अर्थ – शत्रुता, कृपणता, मित्रता, दोस्ती आदि।
  • गुण के अर्थ – सुन्दरता, बुद्धिमत्ता, कुशाग्रता आदि।
  • दशा के अर्थ – उन्नति, चढ़ाई, अवनति, ढलान, इत्यादि।

Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan – भाववाचक संज्ञा के उदाहरण

  1. हर व्यक्ति का एक न एक दिन बुढ़ापा आयेगा।
  2. वह बहुत ही कुशाग्र बालक है।
  3. जवानी का समय काफी कम दिन का होता है।
  4. दुनिया मे सबसे पावन चीज़ दोस्ती होती है।
  5. बचपन मे हम सब दोस्त थे।
  6. सुन्दरता सबसे अच्छी चीज़ मानी जाती है।
  7. मेरी आशा है की आप सब काफी उन्नति करें।

तो ये सभी शब्द भाववाचक संज्ञा है जो कि किसी भाव का बोध कराती है। भाववाचक संज्ञाएं मुख्यतः दो प्रकार की होती है – 1) स्वतन्त्र, 2) परतन्त्र

  • स्वतन्त्र – भाववाचक संज्ञाओं मे द्वेष, सुख, ईर्ष्या, दुःख, लोभ इत्यादि को ही स्वतन्त्र भाववाचक संज्ञा कहते है। इसी कारण वाक्यों मे इसे स्वतन्त्र रूप मे प्रयोग किया जाता है।
  • परतन्त्र – कुछ एक भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय, क्रिया आदि मे आव, ई, ता, त्व, पन, आई इत्यादि प्रत्यय जोड़कर किया जाता है। इन्हें ही परतन्त्र भाववाचक संज्ञा कहते है।

Samuh Vachak Sangya Ki Paribhasha

समूहवाचक संज्ञा की परिभाषा – जिन संज्ञा शब्दों से एक ही जाति की वस्तुओं के समूह का बोध या या फिर किसी एक ही समुदाय का बोध हो तो, उसे ही समूहवाचक संज्ञा कहते है। इसे अंग्रेजी मे Collective Noun कहते है।

यहाँ समूह से तात्पर्य ऐसे समूह से है, जिसमे एक से अधिक लोगों या वस्तु का समावेश होता है। जैसे –

  • वस्तुओं का समूह – ढेर, गट्ठर, गुच्छा, ताश, टी-सेट, कुंज इत्यादि
  • व्यक्तियों का समह – सेना, समूह, संघ, गिरोह, दल, वर्ग, टीम, कक्षा, परिवार, समिति, सभा इत्यादि।

Bhav Vachak Sangya Ke Udaharan

  1. सेना की टुकड़ी इस पुल से जाएगी।
  2. यहाँ गोबर का ढेर लगा हुआ है।
  3. इस समूह मे कितने व्यक्ति है।
  4. यह एक काफी अच्छी क्रिकेट की टीम है।
  5. इस कक्षा मे कितने छात्र पढ़ते है।
  6. इस परिवार का मै भी एक सदस्य हूँ।
  7. आज यहाँ पर एक बहुत बड़ी सभा का आयोजन किया गया है।

Dravya Vachak Sangya Ki Paribhasha

द्रव्यवाचक संज्ञा की परिभाषा – जिन संज्ञा शब्दो से किसी द्रव्य, धातु, पदार्थ आदि का बोध होता है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। इसे इस तरह भी कहा जा सकते है कि, जिसे हम तौल-नाप सकते है परन्तु गिन नहीं सकते उसे ही द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। इसे अंग्रेजी मे Material Noun कहते है। जैसे –

  • पदार्थों के नाम – दूध, तेल, घी, पानी, दही, जूस, मोबिल, पेट्रोल आदि।
  • धातुओं के नाम – चाँदी, सोना, पीतल, प्लेटिनम, ताँबा, पीतल इत्यादि।
  • गैसीय पदार्थों के नाम – ऑक्सीजन, धुआँ, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन इत्यादि।

Dravya Vachak Sangya Ke Udaharan

  1. रमा ने सोने की अंगूठी पहनी है।
  2. घी सबसे ज्यादा अच्छा तेल होता है स्वास्थ्य के हिसाब से।
  3. पानी बचाना हम सबका प्राथमिक कार्य होना चाहिए।
  4. हम सब ऑक्सीजन लेने है जिन्दा रहने के लिए।
  5. कोरोना काल मे सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की माँग हुई थी।
  6. तुम्हे दुध रोज पीना चाहिए।

संज्ञाओं का भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञा
लड़कालड़कपन
पुरुषपुरुषत्व
मनुष्यमनुष्यता

क्रिया से भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

क्रियाभाववाचक संज्ञा
पढ़नापढ़ाई
मिलनामिलाप
घबरानाघबराहट

व्यक्तिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

व्यक्तिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञा
रावणरावणत्व
शिवशिवत्व
रामरामत्व

विशेषण से भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

विशेषणभाववाचक संज्ञा
कठोरकठोरता
वीरवीरता
भोला भोलापन
ललितलालित्य
सुन्दरसुन्दरता

सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

सर्वनामभाववाचक संज्ञा
अपनाअपनापन या अपनत्व
ममममत्व
निजनिजत्व

अव्यय से भाववाचक संज्ञा मे परिवर्तन

अव्ययभाववाचक संज्ञा
दूरदूरी
नीचेनीचाई
समीपसामीप्य
sangya ki paribhasha

संज्ञाओं के विभिन्न प्रयोग (Sangya Ke Vibhinn Prayog)

जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप मे प्रयोग होना

  • गाँधीजी ने देश के लिए अपना तन-मन धन लगा दिया।
  • पंडितजी देश के लिए कई बार जेल गये।

यहाँ गाँधीजी तथा पंडितजी जातिवाचक की ओर इशारा करते है, परन्तु इस वाक्य के अनुसार ये व्यक्तिवाचक संज्ञा है और महात्मा गाँधी तथा जवाहर लाल नेहरू की ओर इशारा करते है।

व्यक्तिवाचक का जातिवाचक मे प्रयोग

  • हमारे देश मे कई जयचन्द हो गये है।
  • बड़ा हरिश्चन्द्र न बनों तुम।

यहाँ जयचन्द तथा हरिश्चन्द्र व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप मे प्रयोग न हो होकर जातिवाचक संज्ञा के रूप मे प्रयोग किये गए है। जिसमे जयचन्द विश्वासघात का बोध कराता है तथा हरिश्चन्द्र ईमानदारी का बोध कराता है।

क्रिया का प्रयोग संज्ञा के रूप में

  • दौड़ना एक अच्छी आदत है।
  • हँसना सेहत के लिए लाभकारी होता है।

यहाँ हँसना तथा दौड़ना क्रिया के रूप मे प्रयोग न होकर संज्ञा के रूप मे प्रयोग हुआ है।

विशेषण का संज्ञा मे रूप मे प्रयोग

  • गरीबों की मदद करनी चाहिए।
  • राम बहुत गरीब लड़का है।

यहाँ दोनो मे गरीब का बोध सभी गरीब या फिर राम वाले वाक्य मे केवल राम के लिए गरीब का बोध हो रहा है।

अव्यव का संज्ञा के रूप मे प्रयोग

  • मोहन के जीतने के बाद बहुत वाह-वाह हुई।
  • क्यो हाय-हाय कर रहे हो।

यहाँ हाय-हाय तथा वाह-वाह अव्यव के रूप मे प्रयोग हुआ है।

Sangya In Hindi PDF Worksheet

इस पोस्ट का मे दी गई जानकारी की PDF मैने नीचे दे दिया है, जिसको आप sangya worksheet pdf download करके देख सकते है तथा पढ़ सकते है, इसमे sangya ki paribhasha hindi me, Sangya ke prakar, Sangya ke Bhed तथा सभी पांच Bhav Vachak, Vyakti Vachak, Dravya Vachak, Samuh Vachak तथा Jativachak sangya की जानकारी दी हुई है।

इसे भी जानें –

SANGYA IN HINDI FAQ

Sangya ke Kitne Bhed Hote Hain?

संज्ञा के पाँच भेद होते है जिनमे Dravya Vachak, Samuh Vachak, Bhav Vachak, Vyakti Vachak और Jativachak Sangya होती है।

Bhav Vachak sangya ke udaharan?

1. रमेश को बहुत अंहकार हो गया है।
2. दिल्ली की दूरी यहाँ से बहुत ज्यादा है।
3. वह पढ़ाई कर रहा है।
4. उसके अन्दर बहुत भोलापन है।

संज्ञा किसे कहते है?

किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि के नाम को ही संज्ञा कहत है, इसे ही अंग्रेजी मे नाउन कहते है।

संज्ञा के कितने भेद होते हैं

संज्ञा के पाँच भेद होते है, यानी संज्ञा कुल 5 प्रकार की होती है-
जातिवाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा
समूहवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा

What is sangya in hindi grammar?

संज्ञा का मतलब होता है नाम यानी किसी वस्तु, व्यक्ति व स्थान के नाम को ही संज्ञा कहते है।

तो आपको यह पोस्ट sangya ke kitne bhed hote hain, Sangya Ki Paribhasha, Sangya Ke Bhed तथा Sangya Kise Kahte Hai की जानकारी कैसी लगी, मैने इसमे सभी पाँच संज्ञाओं के भेद, परीभाषा आदि की जानकारी दे दी है, अगर आपको कोई प्रश्न इससे संबंधित हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।

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