Ling in Hindi – लिंग की परिभाषा , भेद , नियम (पुल्लिंग-स्त्रीलिंग)
हिंदी भाषा के इस भाग मे आप जानेंगे, कि Gender यानी Ling In Hindi Kya Hota Hai, Ling Ki Paribhasha, Striling Pulling (पुल्लिंग स्त्रीलिंग) के बारे मे आप सबकुछ इस पोस्ट के द्वारा जानेंगे। साथ मे मैने इसकी PDF notebook भी नीचे दी है। जो आपको हसेशा मदद करेगा इसे समझने में।
इसको पढ़ने के बाद आप ling in hindi class 9, 10, 11, 12, 8 आदि कक्षाओं के साथ-साथ UPTET, UP PET, UPSSSC Lekhpal जैसे सभी परीक्षाओं मे काफी मदद करेगा। तो इसको पूरा जरूर पढ़ें। हिंदी मे यह बहुत ही छोटा-सा भाग है परंतु परीक्षाओं मे अक्सर इससे प्रश्न पूछ लिए जाते है तथा कई बच्चे प्रश्न गलत भी कर आते है। इसलिए इसे काफी ध्यान से पढ़ें।
Table of Contents
Ling In Hindi (लिंग की परिभाषा)
यह संसकृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है, चिन्ह। जिस चिन्ह द्वारा यह जाना जाए कि अमुक शब्द पुरुष जाति से संबंधित है या स्त्री जानि से, उसे ही लिंग यानी Gender कहते है।
इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि, संज्ञा के जिस रूप से पुरुषत्व या स्त्रीत्व का बोद हो, उसे ही लिंग कहते है। हिंदी भाषा मे लिंग के दो प्रकार होते है-
- पुल्लिंग
- स्त्रीलिंग
Striling Pulling In Hindi (पुलिंग और स्त्रीलिंग शब्द)
पुल्लिंग की परिभाषा (Pulling Paribhasha)
जिन संज्ञा शब्दों से पूर्ण या कल्पित पुरुषत्व का बोध होता है, उन्हे पुल्लिंग कहते है। जैसे- दही, लड़का, कुत्ता, शेर, पेड़, घोड़ा इत्यादि। जिसमे घोड़ा, लड़का से पूर्ण पुरुषत्व का बोध हो रहा है तथा पेड़ से कल्पित पुरुषत्व का बोध हो रहा है।
स्त्रीलिंग की परिभाषा (Striling Paribhasha)
जिन संंज्ञा शब्दों से पूर्ण या कल्पित स्त्रीत्व का बोध होता है, उन्हे हम स्त्रीलिंग कहते है। जैसे- गाय, लता, लड़की, घोड़ी आदि। जिसमे लड़की पूर्ण स्त्रीत्व का बोध कराता है तथा लता और पुरी कल्पित स्त्रीत्व को बोध कराता है।
हिंदी मे लिंग का निर्धारण
हिंदी भाषा मे लिंग का निर्णारण तीन प्रकार से किया जाता है-
- रूप के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
- प्रयोग के आधार पर
1. रुप के आधार पर
रूप क हम बनावट भी कह सकते है। शब्दों मे हम स्वर तथा प्रत्यय के आधार पर स्त्रीलिंग तथा पुल्लिंगा शब्द को निर्धारण कर सकते है।
पुल्लिंग शब्द
जिस शब्द के अंत मे अकारान्त, अकारान्त भाववाचक संज्ञाएँ (त्व, ता, य, व आदि) तथा कुछ प्रत्यय (पा, पन, आव, आवा आदि) आने पर वह शब्द पुल्लिंग कहलाता है।
- अकारान्त शब्द- कुत्ता, कपड़ा, गौरव, समुद्र, चन्द्रमा आदि।
- भाववाचक संज्ञा- अपनत्व, सुन्दरता, गुरुत्व आदि।
- प्रत्यय के आधार पर- दवाखाना, बचपन, मोटापा, बुलावा, जु़ड़ाव आदि।
स्त्रीलिंग शब्द
जिस शब्द के अंत मे आकारान्त, इकारान्त शब्द तथा प्रत्यय (आहट, ता, इमा, इया आदि) आते हैं तो वह स्त्रीलिंग शब्द कहलाता है।
- आकारान्त शब्द- कविता, उमा, लता आदि।
- इकारान्द/ईकारान्त शब्द- हानि, नदी, शेरनी आदि।
- प्रत्यय शब्द- लुटिया, बनावट, मित्रता, लालिमा, पढ़ाई आदि।
2. अर्थ के आधार पर
हिंदी भाषा मे अर्थ के अनुसार एक ही होते है, परन्तुलिंग की दृष्टि से भिन्न होते है, तो वहाँ Striling Pulling In Hindi का भेद करना पड़ता है। तो वाक्यों मे स्त्रीलिंग तथा पुल्लिंग का निर्धारण इसी आधार पर किया जाता है। जैसे-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
कवि | कवयित्री |
नर | मादा |
दादा | दादी |
अध्यापक | अध्यापिका |
शिष्य | शिष्या |
शेर | शेरनी |
लेखक | लेखिका |
3. प्रयोग के आधार पर
प्रयोग के आधार पर ling का निर्धारण करने के लिए, संज्ञा, कारक चिन्ह, सर्वनाम तथा विशेषण आदि की सहायता ली जाती है। तभी पुल्लिंग और स्त्रीलिंग मे भेद कर पाते है।
- यह राम का पेन है।
- यह विनय की पुस्तक है।
- सीता अच्छी लड़की है।
- राजेश अच्छा लड़का है।
Also See – Samas Kya Hai
Striling Aur Pulling Shabd (स्त्रीलिंग और पुल्लिंग शब्द)
सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द
- दिनों के नाम – सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
- तरल पदार्थों के नाम – पानी, तेल, दही, दूध आदि।
- अनाजों के नाम – चावल, गेहूँ, बाजरा, मक्का, चना आदि।
- रत्न और धातुओं के नाम – मूंगा, पुखराज, मोगध, हीरा, लोहा, पीतल आदि परन्तु चाँदी- स्त्रीलिंग।
- समुद्रो के नाम – हिंद महासागर, प्रशांत महासागर आदि।
- वृक्षों के नाम – अशोक, आम, बेर, अमरुद आदि। (इमली – स्त्रीलिंग)
- देशों के नाम – वियतनाम, मलेशिया, ईरान, मॉरिशस आदि।
- समयसूचक नाम – पहर, मिनट, महिना, पल, क्षण, घंटा, दिन, सेकंड, वर्ष आदि।
- ग्रहों के नाम – मंगल, बुध, शनि, राहु आदि। (पृथ्वी – स्त्रीलिंग है)
- महीनों के नाम – चैत्र, आषाढ़, भाद्रपद, श्रावण, वैशाख, ज्येष्ठ आदि।
- जल के स्थानों के नाम – समुद्र, नलकूप, झरना, तालाब, कुआँ, आदि। (नदी, नहर, झील – स्त्रीलिंग)
- स्थानों के नाम – मोहल्ला, टोला, गाँव, शहर, राज्य, देश आदि। (गली – स्त्रीलिंग)
- फलों के नाम – केला, तरबूज, जामुन, संतरा, आम आदि। (लीची, खजूर -स्त्रीलिंग)
- पर्वतों के नाम – अरावली, हिमालय, विंध्य श्रेणी, आल्प्स श्रेणी, शिवालिक, हिमालय आदि।
- वर्ण – इ, ई, ऋ, ए, ऐ के अतिरिक्त शेष सभी स्वर वाले वर्ण पुल्लिंग होते है।
- शरीर के अंगों के नाम – कंधा, सिर, कान, गाल, मुंह, माथा, नाक, दांत आदि।
- जिन के अंत में पन, वाला, त्व, त्र, आय, आस, आप, ऐरा, आ, आवा और दान आते हैं; जैसे – अमरत्व, लुटेरा, चायवाला, नेत्र, अध्याय, नटखटपन आदि।
- अंत में ‘अ’ आने वाले शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं; जैसे – नयन, फूल, भाषण, पवन, कमल, बचपन आदि।
सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द
- नदियों के नाम – सतलुज, गंगा, गोदावरी, रावी, ब्यास, यमुना आदि। (ब्रह्मपुत्र – पुल्लिंग)
- महीनों के नाम – जनवरी, फरवरी, मई, जुलाई, अगस्त, अक्टूबर।
- आभूषणों के नाम – चूड़ी, कंठी, माला, अँगूठी, बाली आदि।
- बोलियों के नाम – मंडियाली, भोजपुरी, अंगिका, राजस्थानी, मगही आदि।
- आहारों के नाम – खिचड़ी, कढ़ी, कचौड़ी, रोटी, चपाती, दाल आदि।
- लिपियों के नाम – देवनागरी, गुरुमुखी, अरबी, रोमन आदि।
- झीलों के नाम – नैनी, डल, मानसरोवर आदि।
- किराने की वस्तुएँ – चीनी, इलायची, अरहर, मूँग, सौंफ, मिर्च आदि।
- अंत में ‘आ, इ, इमा, उ, ति, नि आने वाले संस्कृत शब्द – लज्जा, कालिमा, तनु, दया, गति, रेणु आदि।
- अंत में ‘अ, ई, ऊ, ख, त आने वाली संज्ञाएँ; जैसे – ईख, राख, चीख, भीख, रात, जीवन, खेल, लात, झाड़ू, लू आदि।
- भाषाओँ के नाम – संस्कृत, नेपाली, मराठी, फ्रेंच, अंग्रेजी, हिंदी, पंजाबी, फारसी आदि।
- अंत में आहट, आवट, आई, आस, ता आने वाली भाववाचक संज्ञाएँ – बुलाहट, पढाई, कमाई, गरमाहट, घबराहट, मिलावट, मिठास, प्यास, ममता, प्रभुता आदि।
Also See – Tatsam Tadbhav Shabd PDF
लिंग परिवर्तन (Ling In Hindi)
‘अ’ और ‘आ’ को ‘ई’ में बदलकर
- चाचा – चाची
- पोता – पोती
- देव – देवी
- भाँजा – भाँजी
- पुत्र – पुत्री
- कटोरा – कटोरी
- कुमार – कुमारी
- चाहता – चहेती
- नाना – नानी
- शिष्य – शिष्या
- बकरा – बकरी
- बेटा – बेटी
- सुन्दर – सुंदरी
- मामा – मामी
- नर – नारी
- दादा – दादी
- दास – दासी
- मौसा – मौसी
‘आ’ को ‘इया’ में बदलकर
- बूढा – बुढ़िया
- गुड्डा – गुड़िया
- डिब्बा – डिबिया
- बीटा – बिटिया
- लोढ़ा – लुटिया
- चिड़ा – चिड़िया
- मुन्ना – मुनिया
- कुत्ता – कुतिया
- चूहा – चुहिया
‘अ’ के साथ ‘नी’ लगाकर
- शेर – शेरनी
- ऊँट – ऊँटनी
- भील – भीलनी
- सिंह – सिंहनी
- चोर – चोरनी
- मोर – मोरनी
- चाँद – चाँदनी
- मजदूर – मजदूरनी
- जाट – जाटनी
‘अक’ को ‘इका’ में बदलकर
- गायक – गायिका
- सेवक – सेविका
- परिचायक – परिचायिका
- अध्यापक -अध्यापिका
- नाटक – नाटिका
- याचक – याचिका
- बालक – बालिका
- पाठक – पाठिका
- नायक – नायिका
- पुल्लिंग – स्त्रीलिंग
- लेखक – लेखिका
- धावक – धाविका
- शिक्षक – शिक्षिका
‘ई’ को ‘इणी’ या ‘इनी’ में बदलकर
- प्रवासी – प्रवासिनी
- परोपकारी – परोपकारिणी
- ढोंगी – ढोंगिनी
- तपस्वी – तपस्विनी
- स्वामी – स्वामिनी
- सन्यासी – सन्यासिनी
- हितकारी – हितकारिणी
- योगी – योगिनी
- हाथी – हाथिनी
शब्दों के अंतिम स्वर ‘अ’ में ‘आनि’ या ‘आनी’
- नौकर – नौकरानी
- जेठ – जेठानी
- सेठ – सेठानी
- देवर -देवरानी
- क्षत्रिय – क्षत्राणी
- इंद्र – इन्द्राणी
कुछ पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाने के लिए स्वतंत्र शब्द का प्रयोग
- नर – मादा
- ससुर – सास
- सम्राट – साम्राज्ञी
- साधु – साध्वी
- विधुर – विधवा
- वर – वधू
- पुरुष – स्त्री
- बैल – गाय
- बादशाह – बेगम
- मर्द – औरत
- पति – पत्नी
- कवी – कवयित्री
- पिता – माता
- युवक – युवती
- भाई – भाभी
अंत में ‘आ’ लगाकर
- आत्मज -आत्मजा
- प्रिय – प्रिया
- शिष्य – शिष्या
- बाल – बाला
- मूर्ख – मूर्खा
- सुत – सुता
- छात्र – छात्रा
- अध्यक्ष – अध्यक्षा
- आचार्य – आचार्या
व्यवसाय या जातिसूचक शब्दों में ‘इन’ या ‘आइन’ लगाकर
- ग्वाला – ग्वालिन
- सुनार – सुनारीन
- चौधरी – चौधराइन
- नाई – नाइन
- लाला – ललाइन
- हलवाई – हलवाइन
- जुलाहा – जुलाहिन
- धोबी – धोबिन
- पंडित – पंडिताइन
‘वान’ को ‘वती’ और ‘मान’ को ‘मती’ में बदलकर
- सत्यवान – सत्यवती
- श्रीमान – श्रीमती
- पुत्रवान – पुत्रवती
- रूपवान – रूपवती
- बुद्धिमान – बुद्धिमती
- ज्ञानवान – ज्ञानवती
- धनवान – धनवती
- आयुष्मान – आयुष्मति
- भाग्यवान – भाग्यवत
- प्राणवान – प्राणवती
- बलवान – बलवती
- गुणवान – गुणवती
कुछ शब्द नित्य पुल्लिंग या नित्य स्त्रीलिंग
नित्य पुल्लिंग – स्त्रीलिंग
- चीता – मादा चीता
- भालू – मादा भालू
- खटमल – मादा खटमल
- खरगोश – मादा खरगोश
- उल्लू – मादा उल्लू
- गैंडा – मादा गैंडा
नित्य स्त्रीलिंग – पुल्लिंग रूप
- मक्खी – नर मक्खी
- मछली – नर मछली
- चींटी – नर चींटी
- गिलहरी – नर गिलहरी
- कोयल – नर कोयल
- छिपकली – नर छिपकली
पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के उदाहरण
पुल्लिंग – स्त्रीलिंग सुन्दर – सुंदरी मामा – मामी नर – नारी चाचा – चाची दास – दासी मौसा – मौसी कुमार – कुमारी चाहता – चहेती देव – देवी | पुल्लिंग – स्त्रीलिंग बूढा – बुढ़िया लोढ़ा – लुटिया चिड़ा – चिड़िया गुड्डा – गुड़िया डिब्बा – डिबिया बीटा – बिटिया मुन्ना – मुनिया कुत्ता – कुतिया चूहा – चुहिया |
पुल्लिंग – स्त्रीलिंग योगी – योगिनी स्वामी – स्वामिनी सन्यासी – सन्यासिनी हितकारी – हितकारिणी प्रवासी – प्रवासिनी तपस्वी – तपस्विनी परोपकारी – परोपकारिणी हाथी – हाथिनी | पुल्लिंग – स्त्रीलिंग लेखक – लेखिका धावक – धाविका गायक – गायिका नायक – नायिका शिक्षक – शिक्षिका सेवक – सेविका बालक – बालिका पाठक – पाठिका |
इसे भी जानें –
Ling In Hindi, Striling Pulling In Hindi PDF
इसी पूरी पोस्ट का ling in hindi की पुलिंग और स्त्रीलिंग शब्द हिंदी PDF नीचे दिया है। जिसे आप निचे बटन पर क्लिक करके DOWNLOAD कर सकते है। इसमे मैने लगभग सभी महत्वपूर्ण चीज़ो को जोड़ा है। एक बार आप इसको बढ़ीयां से पढ़ लेेंगे तो आगे कोई समस्या नहीं होगी।
FAQ
स्त्रीलिंग किसे कहते हैं?
जिन संज्ञा शब्दों से पूर्ण या कल्पित पुरुषत्व का बोध होता है, उन्हे पुल्लिंग कहते है। जैसे- दही, लड़का, कुत्ता, शेर, पेड़, घोड़ा इत्यादि।
पुल्लिंग किसे कहते हैं?
जिन संंज्ञा शब्दों से पूर्ण या कल्पित स्त्रीत्व का बोध होता है, उन्हे हम स्त्रीलिंग कहते है।
देवनागरी का लिंग क्या है?
देवनागरी का लिंग स्त्रीलिंग होता है.
तारा का लिंग क्या होगा?
तारा का लिंग पुल्लिंग होता है. संस्कृत भाषा में तारा का लिंग स्त्रीलिंग होता है.
तो आपको इस पोस्ट मे मैने gender ling in hindi के बारे मे जानकारी दी, इसी के साथ आपने जाना की लिंग की परिभाषा क्या है, पुल्लिंग की परिभाषा तथा स्त्रीलिंग की परिभाषा और साथ Striling Pulling In Hindi के शब्दों की पूरी लिस्ट भी इस पोस्ट मे डाली है।
Nice