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20+ Teachers Day Poem in Hindi: गुरु पर कविता हिंदी में

Hi boys and girls, Here I add 15+ best Teachers Day Poem in Hindi by students. If you want to learn some poems or want to recite poems. So, this post must help you a lot to learn this Best Teachers Day Poems collection.

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As we celebrate Teacher’s Day in India, let us reflect on the invaluable contribution of our teachers in shaping our lives. One way to honor them is with the gift of words, and what better way than with a heart touching poem in Hindi? In this article, we explore some inspiring teachers day poems in Hindi, and how they capture the essence of advice.

Teachers Day Poem in Hindi

About Teachers Day Poems in Hindi

हमारे अध्ययन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन नाम के एक महान व्यक्ति की जयंती है। वह शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और विद्वान, राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति और सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक शिक्षक के रूप में जाने जाते थे।

एक बार, जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई है.

1. विद्या देते दान गुरूजी

विद्या देते दान गुरूजी ।
हर लेते अज्ञान गुरूजी ॥

अक्षर अक्षर हमें सिखाते ।
शब्द शब्द का अर्थ बताते ।
कभी प्यार से कभी डाँट से,
हमको देते ज्ञान गुरूजी ॥

जोड़ घटाना गुणा बताते ।
प्रश्न गणित के हल करवाते ॥
हर गलती को ठीक कराते,
पकड़ हमारे कान गुरूजी ॥

धरती का भूगोल बताते ।
इतिहासों की कथा सुनाते ॥
क्या कब क्यों कैसे होता है,
समझाते विज्ञान गुरूजी ॥

खेल खिलाते गीत गवाते ।
कभी पढ़ाते कभी लिखाते ॥
अच्छे और बुरे की हमको,
करवाते पहचान गुरूजी ॥

….शिव नारायण सिंह

2. जग में गुरु महान है – Teachers Day Poem in Hindi Lyrics

गुरु शिक्षा की खान है,
जग में गुरु महान है।
सीख देने वाले भू-तल में,
देवतुल्य इंसान है।।

ज्ञान का अलख जगाते,
अच्छे संस्कार दे जाते हैं।
गुरु का ज्ञान पाकर,
हम खुद को धन्य पाते हैं।।

कुम्हार मिट्टी थाप लगाकर,
देता उसे नई पहचान है।
गुरु शून्यरूपी नादान को,
बनाते उच्च कोटि इंसान है।।

गुरु की महिमा तो,
गाता सारा जहान है।
मिलता ऊँचा शिखर,
गुरु से राष्ट्र निर्माण है।।

गुरु ही साक्षात पारब्रह्म,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
इनके पथ प्रदर्शन से,
जीवन में न होता क्लेश।।

महामानव गुरु को,
लगाऊँ तिलक चंदन।
नव सृजनकर्ता गुरु का,
करूँ बारम्बार वंदन।।
करूँ बारम्बार वंदन।।

.…महेन्द्र साहू

3. गुरु को प्रणाम

5 सितंबर शिक्षक दिवस पर,
करें गुरू का गान।
ज्ञान चक्षु को खोल हमारे,
मिटा दिया अज्ञान।।

जला ज्ञान का दीप हमारा,
मार्ग किया आसान।
अंतर्मन को सहला सहला,
गढ़ें नया इंसान।।

गुरू आज्ञा शिरोधार्य हो,
रखें उनका मान।
अपना जीवन धन्य बना लें,
लें उनका वरदान।।

धरती पर ही स्वर्ग बना लें,
गुरू का करके ध्यान।
अर्पित हो गुरू चरणों में जीवन,
ऐसे कर लें काम।।

भेदभाव और ऊंच-नीच का,
रहने न दें नाम।
ऐसे गुरु को आज करें ह म,
कोटि-कोटि प्रणाम।।

….श्यामा देवी

4. शिक्षा का दीप – Teachers Day Poem in Hindi By Students

दीप जलाओ शिक्षा का,
घर घर में फैले उजियारा।
अज्ञान खत्म हर कोने से,
ऐसा हो पूर्ण प्रयास हमारा।।

शिक्षा प्रगति की सीढ़ी है,
सुधर जाती कई पीढ़ी है।
ज्ञान का खत्म न खजाना,
चाहे जब इसे आजमाना।।

शिक्षा है अधिकार बताती,
नव चेतन जीवन में लाती।
शिक्षा बन जाता हथियार,
अंध विश्वास पर करे प्रहार।।

शिक्षा हमको सत्य बताता,
नव चेतन हममें ले आता।
मन में जगाता पूर्ण विश्वास,
जीवन है खुशहाल बनाता।।

शिक्षा की लौ जब जलती,
ज्ञान के पट खुल जाते हैं।
चारों तरफ़ हो जाता प्रकाश,
विकास सोपान बन जाते हैं।।

हर बच्चे को ही बचपन में,
पढ़ने लिखने का अधिकार।
दोस्तों संग खूब खेलें व कूदे,
मम्मी पापा का प्यार दुलार।।

….लाल देवेन्द्र कुमार

5. गुरु हैं सकल गुणों की खान – Short Poem on Teachers Day in Hindi

गुरु, पितु, मातु, सुजन, भगवान,
ये पाँचों हैं पूज्य महान।
गुरु का है सर्वोच्च स्थान,
गुरु है सकल गुणों की खान।

कर अज्ञान तिमिर का नाश,
दिखलाता यह ज्ञान-प्रकाश।
रखता गुरु को सदा प्रसन्न,
बनता वही देश सम्पन्न।

कबिरा, तुलसी, संत-गुसाईं,
सबने गुरु की महिमा गाई।
बड़ा चतुर है यह कारीगर,
गढ़ता गाँधी और जवाहर।

आया पावन पाँच-सितम्बर,
श्रद्धापूर्वक हम सब मिलकर।
गुरु की महिमा गावें आज,
शिक्षक-दिवस मनावें आज।

एकलव्य-आरुणि की नाईं,
गुरु के शिष्य बने हम भाई।
देता है गुरु विद्या-दान,
करें सदा इसका सम्मान।

अन्न-वस्त्र-धन दें भरपूर,
गुरु के कष्ट करें हम दूर।
मिल-जुलकर हम शिष्य-सुजान,
करें राष्ट्र का नवनिर्माण।

….कोदूराम दलित

6. शिक्षा की ज्योति – अध्यापिका पर कविता

जो हैं अटके, भूले-भटके,
उनको राह दिखाएँगे।
ज्ञान-विज्ञान संस्कार सिखा,
शिक्षा जोत जलाएँगे।

शिक्षक हैं हम,
शिक्षा की ज्योति जलाएँगे।
देश-धर्म और जात-पात से,
हम ऊपर उठ जाएँगे।

समता का नवगीत रचेंगे,
ज्ञान का अलख जगाएँगे।
शिक्षक हैं हम,
शिक्षा की ज्योति जलाएँगे।

छूट गए जो अंधियारे में,
अब अलग नहीं रह पाएँगे।
शिक्षा के अमर उजाले में,
उनको भी हम लाएँगे।

शिक्षक हैं हम,
शिक्षा की ज्योति जलाएँगे।
खेल-खेल में पढ़ना होगा,
ढंग नए अपनाएँगे।

महक उठेगा सबका जीवन,
सब बच्चे मुस्काएँगे।
शिक्षक हैं हम,
शिक्षा की ज्योति जलाएँगे।

….लोकेश्वरी कश्यप

7. शिक्षक पर कविता – teacher गुरु पर कविता

कते हे दूर गुरु फुलवाड़ी,
हे गमक आवै केवड़ा के।।

पाँच सखी मिली गेलौं फुलवाड़ी,
हे गमक आवै केवड़ा के।।1।।

इके हे हाथ फूल अलगावै,
हे गमक आवै केवड़ा के।।2।।

फुलवा जे लोढ़ि-लोढ़ि भरलौं चंगेरिया,
हे गमक आवै केवड़ा के।।3।।

संगहू के सखी सब दूर निकललै,
हे गमक आवै केवड़ा के।।4।।

आजू के बटिया लागै छै वियान,
हे गमक आवै केवड़ा के।।5।।

घोड़वा चढ़ल आवै सतगुरु साहब,
हे गमक आवै केवड़ा के।।6।।

धर्मदास यह अलख झूमरा गावै,
हे गमक आवै केवड़ा के।।7।।

लियहो गुरु शरण लगाय,
हे गमक आवै केवड़ा के।।8।।

….धनी धरमदास

8. गुरु की वाणी – टीचर्स पर कविता छोटी सी

गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे
जो अच्छा है जो बुरा है

उसकी हम पहचान करें
मार्ग मिले चाहे जैसा भी
उसका हम सम्मान करें

दीप जले या अंगारे हों
पाठ तुम्हारा याद रहे
अच्छाई और बुराई का

जब भी हम चुनाव करें
गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे

….सुजाता मिश्रा

9. बच्चन पाठक सलिल – Teachers Day Poem In Hindi Short

नालंदा जी उठा है!,,
बीत चुके आठ सौ साल,
विश्व-इतिहास ने पलटे अध्याय,
नए साम्राज्य बने,पुराने ढहे ,

क्रूरता के अनेक उपमान गए गढे ,,
विश्वविद्यालय-नालंदा-था विश्व का सिरमौर ,
कोई और ज्ञान-केंद्र नहीं ,उसके जैसाऔर ,
माँ दश पारमिता की करुणा बरसती थी,

वहां प्रवेश हेतु ,विश्व की आँखें तरसती थीं,
एक आतंकवादी नरपशु ने –
बख़्तयार ख़िलजी था जिसका नाम ,
किया ज्ञानकेंद्र का जिसने काम तमाम,

विश्वविद्यालय में आग लगाई थी,
ज्ञान की संचित राशि जलाई थी,
हे पूर्व राष्ट्रपति ,अब्दुल कलाम ,
है आपको असंख्य प्रणाम,
आपही का प्रस्ताव था,

नालंदा का हो पुनरुद्धार ,
आपका चिंतन था मानवता को अमूल्य उपहार ,
आज पुनः ज्ञान का सूर्य खिला है,
नालंदा फिर जी उठा है,

सदियों तक नालंदा -सोमनाथ की ,
आती रहेगी याद ,
इतिहास में अमर रहेंगे राष्ट्रपति दवय ,
अब्दुल कलाम और प्रसाद ,,

…..डॉ बच्चन पाठक सलिल

10. शिक्षक होना सरल नहीं – Teachers Day Poem In Hindi Easy

मैं एक शिक्षक हूँ।
दुनिया को देता हूँ ज्ञान।
अज्ञानता को दूर भगाना

शिक्षा का अलख जगाना
यही मेरा एकमात्र काम ।
इसके बदले लेता नहीं दाम

बच्चों के भविष्य को लेकर
लगा रहता हूँ सुबह – शाम।
मुसीबतों में भी नहीं घबराता।

सर्दी,गर्मी का मौसम हो ।
या हो बरसात का मौसम।
सबकों देता शिक्षा का सौगात

शिक्षक होना नहीं सरल है।
वह पीता सबका गरल है ।
सोचो और जरा विचारों

शिक्षक होता है कौन
जो चिंतन और मनन में
रहता है हरदम मौन

सबको देता ज्ञान की ज्योति
सारे तम को हर लेता है।
जीवन पथ आसान बनाता

शिक्षक होना नही आसान।
शिक्षक वहीं होता है
जो भेदभाव से रहित हो,

सबसे करता प्रेम पूर्ण व्यवहार।
जिसका चरित्र उत्तम होता
वही सर्वोत्तम कार्य यह करता

ज्ञान चाहे होता है कम
पर मन उसका उदार होता
सर्वधर्म सद्भाव का संवाहक।

वह होता संस्कृति का रक्षक।
पीता है नित दिन गरल वह।
शिक्षक होना नहीं सरल है।

….रवि शंकर साह

11. गुरु आपकी ये अमृत वाणी – Poem on Teacher in Hindi

गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे।
जो अच्छा है जो बुरा है

उसकी हम पहचान करे।
मार्ग मिले चाहे जैसा भी
उसका हम सम्मान करे।

दीप जले या अँगारे हो
पाठ तुम्हारा याद रहे।
अच्छाई और बुराई का

जब भी हम चुनाव करे।
गुरु आपकी ये अमृत वाणी
हमेशा मुझको याद रहे।।

….सुजाता मिश्रा

12. ज्ञान की बातें – Poem On Teacher Day In Hindi

ज्ञान की बातें जो सिखलाता,
गुरु हमारा वह कहलाता।
ज्ञान दीप की ज्योति देकर,
अंधकार को दूर भगाता।

संस्कार सिखलाए गुरु जी,
बड़ो का मान बतलाए गुरुजी।
अनुशासन भी वो सिखलाते,
त्याग समर्पण वह बतलाते।

सबको ज्ञान बाँटते जाते,
अपना ज्ञान बढ़ाते जाते।
उनकी ताकत होती कलम,
कलम नहीं किसी से कम।

विद्यालय है घर जैसा,
हम सब उनके बच्चे जैसे।
एक साथ रहना बतलाए,
सबसे स्नेह करना सिखलाए।

उनके चरण कमल को मैं,
सत-सत नमन करती जाऊँ।
ज्ञान दीप की ज्योति लेकर,
उनका मैं गौरव बन जाऊँ।

….धारणी सोनवानी

13. गुरु महिमा

गुरु की महिमा निशि-दिन गाएँ,
हर दम उनको शीश नवाएँ।
जीवन में उजियारा भर लें,
अंधकार को मार भगाएँ।

सत्य मार्ग पर चलना बच्चो,
गुरुदेव हमको सिखलाएँ।
पर्यावरण बिगड़ न पाए,
धरती पर हम वृक्ष लगाएँ।

पानी अमृत है धरती का,
बूँद-बूँद हम रोज बचाएँ।
सिर्फ जिएँ न अपनी खातिर,
काम दूसरों के भी आएँ।

मात, पिता, गुरु, राष्ट्र की सेवा,
यह संकल्प सदा दोहराएँ।
बातें मानें गुरुदेव की,
अपना जीवन सफल बनाएँ।

….घनश्याम मैथिल

14. मैं भी पढ़ने जाऊंगा

माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
सीख सीख कर सारी बातें, तुमको भी बतलाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।

पांच जन्मदिन बीत गए हैं, अब स्कूल जाना है।
पढ़ लिखकर बनूँगा अफसर, ऐसा मैंने ठाना है।।

बैठके ऊंची कुर्सी पर, मैं भी हुकुम चलाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।।

गणवेश का कपडा लाना, अच्छे दर्जी से सिलवाना।
जूते मोज़े और स्वेटर, अपने हाथों से पहनाना।।

पहनकर कोट सबसे ऊपर, मैं भी टाई लगाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।।

बस्ता लाओ अच्छा सुंदर, छपा हो जिसपे भालू बंदर।
रबर पेन्सिल और किताबें, मम्मी रखना उसके अंदर।।

जेब में रखकर दस का नोट, मैं भी चिज्जी खाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।।

पढ़ लिखकर हम बने महान, पूरा हो सर्व शिक्षा अभियान।
माता पिता और गुरुजन का, बढ़ जाये देश का मान।।

पढ़े भारत बढे भारत, मैं ये बीड़ा उठाऊंगा।
माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।।

….राजेश कुमार अर्जुन

15. जीने के लिए राह दिखाता हूँ

जीने के लिये राह दिखाता हूँ,
बच्चों को सच्चा मार्ग बताता हूँ।
तराशता हूँ हीरे की तरह उन्हें,
असली डगर पर चलना सिखाता हूँ।

बच्चों को अच्छा इंसान बनाता हूँ,
मुश्किलों से लड़ना सिखाता हूँ।
जिंदगी की हर राह में बच्चे,
आगे बढ़ना खूब सिखाता हूँ।

बच्चों में नव ज्योति जलाता हूँ,
राष्ट्र का निर्माण कराता हूँ।
यही है मेरी कहानी साथियों,
समाज का उत्थान कराता हूँ।

….डिजेन्द्र कुरै

Teachers Day Poem in Hindi Lyrics
Teachers Day Poem in Hindi By Students
Poem on Teacher in Hindi

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FAQ of Teachers Day Poems

Q. Why is Teachers Day celebrated on September 5th?

A. Teachers Day is celebrated on September 5th, the birthday of Dr. Sarvepalli Radhakrishnan, the first Vice President and second President of India, who was a distinguished scholar and teacher.

Q. What is Teachers’ Day in India?

A. Teachers Day is a day to honor and appreciate the contributions of teachers in our society, observed annually on September 5th in India.

Q. Can I write my own Teachers Day poem in Hindi?

A. Yes, you can write your own Teachers Day poem in Hindi to express your gratitude

Final Words

I think, Now you all get the best Teachers’ Day Poem in Hindi. If you have any questions regarding this then comment below. I will always be available here to help you. Thanks for visiting.

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