Karak In Hindi | Karak Ke Bhed In Hindi – कारक की परिभाषा, भेद और उदाहरण
Hindi Grammar के इस भाग मे आप जानेंगे Karak Ki Paribhasha, Karak Kise Kahate Hai, Karak Ke Bhed तथा Karak Ke Prakar. आप मे से कई लोग हिंदी मे इस पाठ मे confuse रहते है। तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको Karak In hindi मे कोई समस्य नहीं होगी।
इसको पढ़ने के बाद आप Karak In Hindi worksheets for class 9, 10, 11, 12, 8 आदि कक्षाओं के साथ-साथ UPTET, UP PET, UPSSSC UP Lekhpal Hindi जैसे सभी परीक्षाओं मे काफी मदद करेगा। तो इसको पूरा जरूर पढ़ें।
Karak Ki Paribhasha (कारक किसे कहते है?)
कारक की परिभाषा – कारक मे जिस शब्द या पद का संबंध क्रिया से होता है, उसे कारक यानी Case कहते है। या फिर इसे तरह भी समझ सकते है कि, संज्ञा व सर्वनाम का किसी भी वाक्य के अन्य पदों मुख्यतः क्रिया से जो सम्बन्ध होता है, उसे ही कारक कहते है। जैसे –
- राकेश ने गाय के डण्डे से मारा।
- राम ने रोटी खायी।
इस वाक्य मे राकेश, क्रिया यानी मारने का कर्ता है, गाय क्रिया का कर्म है तथा डण्डा क्रिया का साधन होने से करण कारक का रूप है। कारक को विभक्ति यानी बाद मे जुड़ने वाला भी कहा जाता है। कारक हमेशा संज्ञा व सर्वनाम के साथ प्रयुक्त होते है।
कारक की परिभाषा संस्कृत में – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों से उनका (किसी संज्ञा या सर्वनाम का) सम्बन्ध बतलाया जाता है, वह ‘कारक’ कहलाता है।
कारक के भेद (Karak Ke Kitne Bhed Hote Hain)
हिंदी भाषा मे कारक के भेदों के संख्य कुल आठ मानी गई है, जो इस प्रकार है।
- कर्ता कारक (Nominative case)
- कर्म कारक (Accusative case)
- करण कारक (Instrument case)
- सम्प्रदान कारक (Dative case)
- अपादान कारक (Ablative case)
- सम्बन्ध कारक (Gentive case)
- अधिकरण कारक (Locative case)
- सम्बोधन कारक (Vocative case)
कारक के भेद विभक्ति तथा चिन्ह के साथ
कर्ता कारक – Karta Karak In Hindi
वाक्य में जिस शब्द द्वारा काम करने का बोध होता है, उसे कर्ता कारक कहते है। कर्ता कारक का चिन्ह यानी विभक्ति ‘ने’ होता है।
- राम ने रोटी खायी।
- उसने गीत गाया।
- सीता ने गीता पढ़ ली।
- राकेश ने राम को मारा।
- उसने लड़ाई लड़ी।
इस वाक्य मे राकोश कर्ता है, क्योंकि मारा क्रिया करने वाला राकेश ही है, इसलिए कर्ता के साथ कारक चिन्ह ने का प्रयोग हुआ है। जैसे –
कर्म कारक – Karm Karak In Hindi
वाक्य में क्रिया का प्रभाव या फल जिस शब्द पर पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते है, इसे अंग्रेजी मे Accusative कहते है। जैसे –
- पिता ने पुत्र को डाँटा।
- राम ने श्याम को मारा।
- राजा ने भोलू को मारा
- माता ने बच्चे को सुलाया।
इस वाक्य मे कर्ता राजा है और उसके मारने का फल भोलू पर पड़ता है। अतः यहाँ श्याम के साथ कर्म कारक चिन्ह को का प्रयोग होगा।
करण कारक – Karan Karak In Hindi
संज्ञा का वह रूप जिससे किसी क्रिया के साधन का बोध हो, उसे ही करण कारक यानी Instrumental कहते है। इसकी विभक्ती से, के द्वारा होती है। जैसे –
- सीता कलम से लिखती है।
- वह चाकू से मारता है।
- उसने पेड़ को कुल्हाड़ी से काटा।
- शिकारी ने शेर को बन्दूक से मारा।
इस वाक्य मे बन्दूक द्वारा शेर को मरने का उल्लेख है, अतः यहाँ बन्दूक के लिए करण कारक का प्रोयग होगा तथा से विभक्ती का प्रयोग होगा।
सम्प्रदान कारक – Sampradan Karak In Hindi
जिस वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए, तो वहाँ सम्प्रदान कारक यानी Dative होता है। सम्प्रदान का अर्थ साधन भी होता है। वाक्य मे इसकी विभक्ती को का प्रयोग होता है। जैसे –
- वह मुझको रुपये दे रहा था।
- श्याम ने मोहन को साइकिल दी।
- उसने लड़के को टॉफी दिया।
- सर ने विद्यार्थी को पुस्तक दी।
इस वाक्य मे विद्यार्थी को कुछ दिया गया है, इसलिए विद्यार्थी के साथ सम्प्रदान कारक की विभक्ती को का प्रयोग होगा।
अपादान कारक – Apadan Karak In Hindi
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से दूर होने, निकलने, डरने, रक्षा करने, विद्या सीखने, तुलना करने का भाव प्रकट होता है, उसे अपादान कारक यानी Ablative कहते है। इसका शाब्दिक अर्थ अलगाव होता है। जैसे-
- वह छत से कूद गया।
- वह बाजार से सब्जी ला रही है।
- वह नदी से पानी ला रहा है।
- शोर सुन वह धर से बाहर आ गया।
- वह दिल्ली से आया है।
इस वाक्य मे कर्ता वह दिल्ली से अलग हुआ है तो यहाँ अपादान कारक की विभक्ती से का प्रयोग होगा अलग होने के भाव मे।
सम्बन्ध कारक – Sambandh Karak In Hindi
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी अन्य शब्द के साथ सम्बन्ध या लगाव व अप्नत्व का भाव प्रतीत होता हो, उसे सम्बन्ध कारक यानी Genitive कहते है। इसकी विभक्ती का, के, की होती है। जैसे –
- यह राम की किताब है।
- नेताजी का लड़का बदमाश है।
इस वाक्य मे लड़के का सम्बन्ध नेताजी से है, तो यहा पर इनके बीच मे सम्बन्ध कारक की विभक्ती का का प्रयोग होगा।
अधिकरण कारक – Adhikaran Karak In Hindi
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के स्थान, आधार, अवसर, समय का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक यानी Locative कहते है। इसकी विभक्ती मे, पर होती है। जैसे-
- तुम्हारे घर मे दस लोग है।
- दुकान पर कोई नहीं था।
- छोटी सी बात पर बत लड़ो।
यहाँ अधिकरण का बोध छोटी-सी बात करा रहा है, इस कारम इसके लिए यहाँ अधिकरण कारक की विभक्ती पर का प्रयोग होगा।
सम्बोधन कारक – Sambodhan Karak In Hindi
संज्ञा के जिस रूप से किसी को पुकारने, चेतावनी देने या सम्बोधिक करने का बोध होता है, वह सम्बोधन कारक यानी Vocative कहलाता है। इसकी विभक्ती हे, अरे होता है। जैसे –
- हे राम! रक्षा करो।
तो यहाँ से आपको यह जानकारी मिल गई होगी की karak kitne prakar ke hote hain और कारकों की विभक्ती क्या-क्या होती है। अगर नहीं जाने तो नीचे दिये चार्ट को पूरा जरूर देखें या आपको कारक का स्थान व विभक्ती समझने मे मदद करेगा तथा इससे जल्दी से याद भी होगा।
विभक्ति | कारण | चिन्ह | अर्थ |
प्रथमा | कर्ता | ने | काम करने वाला |
द्वितीया | कर्म | को | जिस पर कार का प्रभाव पड़े |
तृतीया करण | करण | से, द्वारा | जिसके द्वारा कर्ता काम करे |
चतुर्थी | सम्प्रदान | को, के लिए | जिसके लिए क्रिया की जाए |
पंचमी | अपादान | से (अलग होना) | जिससे अलगाव हो |
षष्ठी | सम्बन्ध | का, के, की | अन्य पदों से सम्बन्ध |
सप्तमी | अधिकरण | में, पर | क्रिया का आधार |
सम्बोधन | सम्बोधन | हे!, अरे!, अजी! | किसी को पुकारना या बुलाना |
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कारक को अंग्रेजी मे क्या कहते है?
कारक को अंग्रेजी मे CASE कहते है और कारक Case का हिंदी रूप होता है।
कारक के कितने भेद होते है?
कारक के कुल आठ भेद होते है जो इस प्रकार है – कर्ता कारक, कर्म कारक, करण कारक, सम्प्रदान कारक, अपादान कारक, सम्बन्ध कारक, अधिकरण कारक, सम्बोधन कारक।
करण कारक की विभक्ती कया होती है?
करण कारक की विभक्ती से, के द्वारा होती है। इससे किसी के कार्य होने का बोध होता है किसी के द्वारा।
Karak ke kitne bhed hote hain
कारक के आठ भेद होते है l
कर्ता कारक – ने
कर्म कारक – को
करण कारक – से, के द्वारा
संप्रदान कारक – को, के लिए
अपादान कारक – से (अलग होने के अर्थ में)
संबंध कारक – का, की, के आदि
अधिकरण कारक – में, पर
संबोधन कारक – हे!, अरे!
अपादान कारक की विभक्ती क्या है?
अपादान कारक की विभक्ती से होती है, जो की अलग होना का भाव देती है।
तो आपको यह पोस्ट Karak Ki Paribhasha, Karak Kise Kahate Hai, Karak Ke Bhed तथा Karak Ke Prakar कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताए तथा आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।
Bahut achi jankari diya hai aapne yaha