Advertisements
|

Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2

Here, Below you all know about NCERT Solutions for Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2. I know many of you are confused about finding Bal Ram Katha Chapter 2 Of Class 6 NCERT Solutions. So, Read the full post below and get your solutions.

Bal Ram Katha Class 6 Question Answers

Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2

पाठाधारित प्रश्न

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. वन में विश्वामित्र ने कौन-कौन-सी विद्याएँ सिखाईं?

उत्तर:
महर्षि विश्वामित्र ने दोनों भाइयों को बला-अतिबला नामक विद्याएँ सिखाईं। इसके सीखने के बाद निद्रावस्था में भी कोई उन पर आक्रमण नहीं कर सकता था।

प्रश्न 2. राजमहल से निकलने के बाद महर्षि विश्वामित्र, राम और लक्ष्मण ने रात में कहाँ विश्राम किया?

उत्तर:
राजमहल से निकलने के बाद महर्षि विश्वामित्र, राम और लक्ष्मण ने सरयू नदी के तट पर विश्राम किया।

प्रश्न 3. ताड़का को किसने मारा?

उत्तर:
ताड़का को राम और लक्ष्मण ने मारा।

प्रश्न 4. महर्षि ने आश्रम की जिम्मेदारी किसे सौंपी?

उत्तर:
महर्षि ने आश्रम की रक्षा की जिम्मेदारी राम-लक्ष्मण को सौंप दी?

प्रश्न 5. राक्षस की सेना में कब भगदड़ मच गई?

उत्तर:
सुबाहु के मरने पर राक्षस की सेना में भगदड़ मच गई।

प्रश्न 6. मारीच क्यों क्रोधित था?

उत्तर:
राम ने मारीच की माँ ताड़का का वध किया था, इसलिए वह क्रोधित था।

प्रश्न 7. मिथिला के राजा कौन थे? उनकी क्या प्रतिज्ञा थी।

उत्तर:
मिथिला के राजा जनक थे। उनकी प्रतिज्ञा थी कि वह अपनी पुत्री सीता का विवाह उसी राजकुमार से करेंगे जो विशाल शिव के धनुष को तोड़ेगा।

प्रश्न 8. शिव धनुष की क्या विशेषता थी?

उत्तर:
शिव धनुष अत्यंत विशाल था। उसे आठ पहियों वाली लोहे की पेटी में रखा गया था, जिसे खिसकाकर अनुचर एक स्थान से दूसरे स्थान पर से जाते थे।

प्रश्न 9. अयोध्या से बारात को मिथिला पहुँचने में कितना समय लगा?

उत्तर:
बारात को मिथिला पहुँचने में पाँच दिन लग गए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. महर्षि विश्वामित्र ने नदी-तट पर राजकुमारों से क्या कहा?

उत्तर:
नदी तट पर विश्वामित्र ने राजकुमारों से कहा कि आज की रात्रि हम नदी के किनारे विश्राम करेंगे। मैं तुम्हें कुछ विद्याएँ सिखाना चाहता हूँ। इन्हें सीखने के बाद कोई तुम पर प्रहार नहीं कर सकेगा। उस समय भी नहीं जब तुम नींद में रहो। विश्वामित्र ने दोनों भाइयों को बला-अतिबला विद्याएँ सिखाईं।

प्रश्न 2. विश्वामित्र ने दोनों भाइयों को असली खतरा किससे बताया?

उत्तर:
विश्वामित्र ने दोनों भाइयों को असली खतरा राक्षसी ताड़का से बताया। वह नदी के पार जंगल में रहती थी।

प्रश्न 3. विश्वामित्र कौन थे? वह राजा दशरथ के पास क्यों आए थे?

उत्तर:
विश्वामित्र स्वयं शक्तिशाली और वीर राजा थे। बाद में अपना राजपाट छोड़कर उन्होंने संन्यास ग्रहण कर लिया। जंगल में उन्होंने सिद्धाश्रम बना लिया था। वह सिद्धि के लिए एक यज्ञ कर रहे थे, जिसमें दो राक्षस बाधा डाल रहे थे। उन राक्षसों के वध के लिए राम को अपने साथ ले जाने वह दशरथ के पास आए थे।

प्रश्न 4. किस-किस का विवाह किस-किसके साथ हुआ?

उत्तर:
राम का विवाह सीता के साथ, लक्ष्मण का विवाह उर्मिला के साथ, भरत का विवाह मांडवी के साथ और शत्रुघ्न का विवाह श्रुतकीर्ति के साथ संपन्न हुआ। मांडवी और श्रुतकीर्ति राजा जनक के छोटे भाई कुशध्वज की पुत्रियाँ थीं।

प्रश्न 5. राजा दशरथ के दरबार में ऐसी कौन-सी घटना घटी जिससे वे काफ़ी उदास हो गए?

उत्तर:
राजा दशरथ के राज्य में चारों तरफ खुशियाँ छाई हुई थीं तभी वहाँ महर्षि विश्वामित्र जी आए। महर्षि के स्वागत सत्कार के बाद राजा दशरथ ने कहा कि मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ। आपके आदेश का पूरी तरह पालन होगा। यह सुन विश्वामित्र ने अपने यज्ञ की रक्षा के लिए राम को माँगा, यह सुनकर राजा दशरथ काफ़ी उदास हो गए।

प्रश्न 6. राजा दशरथ ने राम को महर्षि विश्वामित्र के साथ जाने की अनुमति कैसे दे-दी?

उत्तर:
जब मुनि वशिष्ठ ने राम की शक्ति के बारे में बताया। उनसे रघुकुल की रीति का पालन करते हुए अपना वचन निभाने को कहा। उन्होंने बताया कि विश्वामित्र के साथ रह कर राम उनसे अनेक नई विद्याएँ सीख सकेंगे। उनके समझाने पर राजा दशरथ ने राम को जाने की अनुमति दे दी, लेकिन उन्होंने राम के साथ लक्ष्मण को भी जाने को कहा।

प्रश्न 7. विश्वामित्र की बात सुनकर राजा दशरथ की मनोस्थिति का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
महर्षि विश्वामित्र की बात सुनकर पुत्र वियोग की आशंका से राजा काँप उठे और बेहोश होकर गिर पड़े। होश आने पर पुनः मूर्छित हो गए। वह राम से बहुत अधिक प्रेम करते थे। वे राम के बिना रहने में असमर्थ थे। उन्हें बार-बार यह आंशका भी सता रही थी कि 16 वर्षीय राम मायावी राक्षसों का मुकाबला कैसे कर पाएंगे। इसी चिंता से वे काफ़ी डरे हुए थे।

प्रश्न 8. ताड़का कौन थी? उसका अंत कैसे हुआ?

उत्तर:
ताड़का एक राक्षसी थी। जब राम ने धनुष की प्रत्यंचा को खींचकर छोड़ा। उसकी टंकार सुनकर ताड़का गरजती हुई राम की ओर दौड़ी। वह क्रोध में भरकर राम की ओर दौड़ी उसने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। राम ने उस पर बाण चलाए। लक्ष्मण ने भी निशाना साधा। राम का एक बाण उसके हृदय में लगा और उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 9. सुंदरवन का नाम ‘ताड़का वन कैसे पड़ गया।’

उत्तर:
ताड़का एक राक्षसी थी। जिस वन में रहती थी, उसके भय के कारण उसका नाम ही ताड़का वन पड़ गया था। सुंदर वन नदी के पार था। यह अत्यंत घना और दुर्गम जंगल था। उसके डर से वहाँ कोई नहीं आता जाता था। जो भी उधर आता था। ताड़का उस पर अचानक आक्रमण कर मार डालती थी। अतः उसके भय और आतंक के कारण सुंदर वन का नाम ताड़कावन पड़ गया।

प्रश्न 10. विवाह से ठीक पहले विदेहराज ने राजा दशरथ से क्या कहा?

उत्तर:
विवाह से ठीक पहले विदेहराज ने महाराज दशरथ से कहा- ‘राजन। राम ने मेरी प्रतिज्ञा पूरी कर बड़ी पुत्री सीता को अपना लिया। मेरी इच्छा है कि छोटी पुत्री उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हो जाए। मेरे छोटे भाई कुशध्वज की पुत्रियाँमांडवी और श्रुतकीर्ति भरत तथा शत्रुघ्न से ब्याही जाएँ। राजा दशरथ ने उनके इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया।

प्रश्न 11. जनकपुरी की शोभा का वर्णन पाठ के आधार पर कीजिए।

उत्तर:
विवाह के अवसर पर जनकपुरी नगरी जगमगा रही थी। हर मार्ग पर तोरण दवार पर बने थे। प्रवेश दवारों पर बंदनवार एवं घरों में मंगलगीत गाए जा रहे थे। वहाँ की महिलाएँ राम-सीता की जोड़ी की झलक पाने को उत्सुक प्रतीत होती थीं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. राम-लक्ष्मण ने विश्वामित्र के आश्रम की रक्षा किस प्रकार की?

उत्तर:
महर्षि विश्वामित्र यज्ञ की तैयारियों में लग गए। उन्होंने आश्रम की सुरक्षा की जिम्मेदारी राम-लक्ष्मण को दे दी। राम लक्ष्मण ने यज्ञ पूरा होने तक न सोने का निर्णय लिया। वे लगातार जागते रहे और चौकस रहे। हाथ में धनुष और कमर में तलवार लटकाए हुए हर स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार थे। यज्ञ सपन्न होने के दिन सुबाहु और मारीच ने राक्षसों के दल-बल के साथ आश्रम पर धावा बोल दिया। मारीच को क्रोध इसलिए भी था क्योंकि राम ने उसकी माँ का वध कर दिया था। राम ने मारीच को निशाना बनाया। वह बाण लगते ही मूर्छित हो गया। होश में आने पर वह उठकर भाग गया। राम का दूसरा बाण सुबाहु को लगा। वह वहीं ढेर हो गया। अन्य राक्षस जान बचाकर भाग गए।

प्रश्न 2. विश्वामित्र राम को मिथिला क्यों ले गए? मिथिला की घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को मिथिला चलने को कहा, क्योंकि वहाँ उन्हें अद्भुत शिव धनुष दिखाना था और मिथिला में राजा जनक के एक आयोजन में उन्हें शामिल होना था। राजा जनक ने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि जो यह धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा, सीता का विवाह उसके साथ कर दिया जाएगा। अनेक राजकुमार तो इसे हिला भी न सके थे। धनुष सचमुच विशाल था, लेकिन महर्षि विश्वामित्र का आदेश पाकर राम ने यह धनुष उठा लिया, उसे आसानी से झुकाया और ऊपर से दबाकर प्रत्यंचा खींची। इस दबाव से धनुष बीच से टूट गया। सभी लोग वहाँ बैठे आश्चर्यचकित रह गए।

प्रश्न 3. राजा जनक क्यों आश्चर्यचकित थे? उन्होंने महर्षि विश्वामित्र से क्या पूछा?

उत्तर:
राजा जनक अपनी प्रतिज्ञा और सीता के विवाह को लेकर बहुत चिंतित थे, लेकिन राम द्वारा शिव धनुष के उठाने पर राजा जनक चकित हो गए। जब धनुष टूट गया तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्हें अपनी पुत्री सीता के लिए योग्य वर मिल गया था। उनकी प्रतिज्ञा पूरी हो गई। उन्होंने महर्षि विश्वामित्र से पूछा- “मुनिवर। आपकी अनुमति हो तो मैं महाराज दशरथ के पास संदेश भेजूं, बारात लेकर आने का आमंत्रण। यह शुभ संदेश उन्हें शीघ्र भेजना चाहिए।”

प्रश्न 4. जनकपुरी को बारात के स्वागत के लिए कैसे सजाया गया था?

उत्तर:
बारात के स्वागत के लिए जनकपुरी में धूम मची हुई थी। पूरी जनकपुरी जगमगा रही थी। हर मार्ग पर तोरणद्वार बने थे। हर जगह फूलों की चादर बिछाई गई थीं प्रत्येक कोना सुंगधित था। हर कोने के प्रवेश द्वार पर बंदनवार लगे थे। प्रत्येक घर से मंगलगीतों की ध्वनि सुनाई देती थी। नगर में खुशी का माहौल था।

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1. तुम ऐसे कामों की सूची बनाओ जो हॉस्टल में छात्र स्वयं करते हैं?

उत्तर:
ऐसे कई काम हैं जो छात्र स्वयं प्रतिदिन करते हैं; जैसे-

  • अपना बिस्तर ठीक करना
  • कमरे में झाडू लगाना
  • चीजों को व्यवस्थित जगह पर रखना
  • अपनी प्लेट खुद धोना
  • अपने मोजे साफ़ करना
  • अपने जूते पॉलिश करना।

प्रश्न 2. अपने घर के कामों में माँ का हाथ बँटाओ।

उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

अभ्यास प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. ताड़का कौन थी?
2. राम ने विश्वामित्र के साथ वन में जाकर क्या किया?
3. शिव धनुष कहाँ रखा हुआ था?
4. शिव धनुष को किसने उठाया?
5. महर्षि ने राजकुमारों को कौन-कौन सी विद्याएँ सिखाईं ?
6. विश्वामित्र ने दोनों भाइयों को असली खतरा किससे बताया?
7. महर्षि ने आश्रम की जिम्मेदारी किसे सौंपी?
8. सुंदरवन का नाम ‘ताड़कावन’ कैसे पड़ गया?
9. ताड़का की मृत्यु के बाद वन में क्या परिवर्तन आया?
10. बारात के स्वागत में जनकपुर को कैसे सजाया गया?
11. किस-किसका विवाह किस-किसके साथ हुआ?
12. राजा जनक की क्या प्रतिज्ञा थी। इनकी यह प्रतिज्ञा कैसे पूरी हुई?

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. विश्वामित्र राम को मिथिला क्यों ले गए? मिथिला की घटनाओं का वर्णन करें?
2. राम ने यज्ञ की रक्षा किस प्रकार की?
3. ताड़का कौन थी? उसका अंत कैसे हुआ?
4. राजा जनक क्यों चकित थे? उन्होंने महर्षि विश्वामित्र से क्या पूछा?

Bal Ram Katha Class 6 Chapter 2 Summary

राजमहल से निकलकर महर्षि विश्वामित्र दोनों राजकुमारों के साथ सरयू नदी के कनारे की ओर बढ़े। वे सधे कदमों से दूर तक सरयू के किनारे-किनारे चलते रहे। देखते ही देखते अयोध्या नगरी पीछे छूट गई। सब कुछ दृष्टि से ओझल हो गया। शाम हो गई। राजकुमारों के चेहरों पर थकान का कोई चिह्न नहीं था। दिनभर पैदल चलने के बाद भी वे थके नहीं थे। वे उत्साहित कदमों से आगे बढ़ते ही जा रहे थे। दिनभर पैदल चलने के बाद उन्होंने आसमान पर दृष्टि डाली। आसमान मटमैला हो गया था। पशु-पक्षी अपने घरों को लौट रहे थे। तभी महर्षि ने कहा-“हम आज रात नदी तट पर ही विश्राम करेंगे।” उन्होंने राम से कहा कि मैं तुम दोनों को कुछ विद्याएँ सिखाना चाहता हूँ। इस विद्या को सीखने के बाद कोई तुम पर प्रहार नहीं कर सकेगा।

दोनों भाई राम और लक्ष्मण नदी में हाथ मुँह धोकर विश्वामित्र के नजदीक आकर बैठे। उन्होंने दोनों भाइयों को “बला, अतिबला” नाम की दो विद्याएँ सिखाईं। रात में वे वहीं तिनकों और पत्तों का बिस्तर बनाकर सोए।

सुबह होते ही उन्होंने पुनः यात्रा शुरू कर दी। वे सरयू के किनारे चलते-चलते ऐसे स्थान पर जा पहुँचे जहाँ दो नदियाँ आपस में मिलती थीं। उस संगम की दूसरी नदी गंगा थी। अगली सुबह वे लोग नाव से गंगा पार करके आगे बढ़े। नदी के पार घना जंगल था। वहाँ डरावना वातावरण देखकर महर्षि ने राम-लक्ष्मण को समझाया-‘ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है। असली खतरा राक्षसी ताड़का से है, वह यहीं रहती है। तुम्हें यह खतरा हमेशा के लिए मिटा देना है। ‘उस सुंदर वन का नाम ही ‘ताड़कावन’ पड़ गया था। महर्षि की आज्ञा सुनकर राम ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई। टंकार सुनते ही ताड़का गरजते हुए राम की ओर दौड़ी। ताड़का ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए राम ने उस पर वाण चलाए। लक्ष्मण ने निशाना साधा। ताड़का राम का एक तीर लगते ही गिर पड़ी और फिर नहीं उठी। यह देखकर विश्वामित्र बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने उन्हें सौ तरह के अस्त्र-शस्त्र दिए और उनके प्रयोग की विधि बताई। तीनों ने रात वहीं बिताई। ताड़का के वन में न होने के कारण वह स्थान अब पूरी तरह से भयमुक्त था। अब चारों तरफ शांति थी।

अगले दिन अंतिम पड़ाव था सिद्धाश्रम। वहाँ पहुँचकर महर्षि यज्ञ की तैयारियों में लग गए। आश्रम की सुरक्षा की जिम्मेदारी रामलक्ष्मण पर थी। पाँच दिन तक सब कुछ ढीक-ठाक चलता रहा। राम-लक्ष्मण ने यज्ञ पूरा होने तक रात-दिन जगकर आश्रम को देखभाल की। अनुष्ठान के अंतिम दिन अचानक आवाजों से आसमान गूंज उठा। सुबाहु और मारीच ने राक्षसों के दल-बल के साथ आश्रम पर धावा बोल दिया। मारीच इस बात से भी क्रोधित था कि राम-लक्ष्मण ने उसकी माँ को मारा था। वे दोनों राक्षस ताड़का के पुत्र थे। राम ने राक्षसों को देखते ही मारीच पर बाण चलाया। वह बाण लगते ही मूर्छित हो गया। वह बहुत दूर जाकर गिरा, पर मरा नहीं। होश आने तक वह दक्षिण दिशा को भागा। सुबाहु बाण लगते ही मर गया। सुबाहु के मरते ही राक्षस सेना में भगदड़ मच गई। महर्षि विश्वामित्र का अनुष्ठान संपन्न हो गया। इसके बाद जब राम ने अपने लिए आज्ञा पूछी तब विश्वामित्र ने कहा कि हम यहाँ से मिथिला जाएँगे।

दूसरे दिन विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ महाराज जनक के यहाँ पहुँचे। राजा जनक ने महल से बाहर आकर विश्वामित्र का स्वागत किया। राजकुमारों को देख विदेहराज चकित रह गए। महर्षि ने उन्हें बताया कि ये राजकुमार महाराज दशरथ के पुत्र हैं। अगले दिन ऋषि-मुनि और राजकुमार यज्ञशाला में उपस्थित हुए। शिव धनुष को विदेहराज की आज्ञा से यज्ञशाला में लाया गया। शिव धनुष विशाल था। वह लोहे की पेटी में रखा हुआ था। पेरी में आठ पहिए लगे थे। धनुष को खींचकर यज्ञशाला में लाया गया। राजा जनक ने बताया कि मैंने प्रतिज्ञा कर रखी है कि जो यह धनुष उठाकर इस पर प्रत्यंचा चढ़ाकर छोड़ देगा। उसी के साथ पुत्री सीता का विवाह होगा। शिव के इस धनुष को अनेक राजकुमारों ने तोड़ने की कोशिश की, किंतु विफल रहे। ‘यह देखकर राजा जनक पलभर के लिए उदास हो गए। अंत में विश्वामित्र ने राम को संकेत किया। राम ने सिर झुकाकर गुरु की आज्ञा स्वीकार की और विशाल धनुष को सहज ही उठा लिया। विदेहराज यह देख चकित हो गए। राम ने आसानी से धनुष झुकाया और प्रत्यंचा खींची। बच्चों के खिलौने की तरह उन्होंने शिव के धनुष को तोड़ डाला। महाराज जनक की खुशी का ठिकाना न था। उनकी प्रतिज्ञा पूरी हई और सीता के लिए योग्य वर मिल गया। महर्षि विश्वामित्र से अनुमति लेकर राजा जनक ने महाराज दशरथ के पास बारात लेकर आने का निमंत्रण भेजा। नगर में इस खबर से काफ़ी धूम मच गई। महाराज जनक का संदेश मिलते ही अयोध्या में खुशियाँ छा गईं। पाँच दिनों में बारात मिथिला पहुँची। जनकपुरी जगमग कर रही थी। चारों तरफ नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया था। नगर में फूलों की चादर बिछी हुई थी। विवाह से ठीक पहले राजा जनक ने दशरथ से कहा- ‘राजन। राम ने मेरी प्रतिज्ञा पूरी करके बड़ी बेटी सीता को अपना लिया। मेरी इच्छा है कि छोटी पुत्री उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हो जाए। मेरे छोटे भाई कुशध्वज की भी दो पुत्रियाँ हैं मांडवी और श्रुतकीर्ति। कृपया उन्हें भरत और शत्रुघ्न के लिए स्वीकार करें। ‘महाराज दशरथ ने राजा जनक के इस प्रस्ताव को अविलंब स्वीकार कर लिया। विवाह संपन्न हुआ। बारात बहुओं को लेकर अयोध्या लौट आई। रानियों ने पुत्र बधुओं की आरती उतारी। यह आनंद उत्सव कई दिनों तक चलता रहा।

शब्दार्थ:

पृष्ठ संख्या 7
दृष्टि – नज़र। ओझल – गायब। चिह्न – निशान। बसेरा – रहने का स्थान। चरवाहे – पशु चराने वाले। विश्राम – आराम। निकट – पास। प्रहार – चोट, हमला। बिस्तर – बिछावन।

पृष्ठ संख्या 9
वृक्ष – पेड़। कठिन – मुश्किल। दुर्गम – जहाँ जाना कठिन हो। क्रोधित – गुस्से में। विधि – तरीका।

पृष्ठ संख्या 10
भयमुक्त – बिना डर के। गायब होना – लुप्त हो जाना। प्राकृतिक – कुदरती। सौंदर्य – सुंदरता। आश्वस्त – भरोसेमंद। अनुष्ठान – यज्ञ। निर्विघ्न – बिना रुकावट के। चौकस – सावधान। धावा बोलना – हमला करना। मूर्च्छित होना – बेहाश होना। भगदड़ – खलबली मचना।

पृष्ठ संख्या 11
उल्लेख – जिक्र, वर्णन। अनुचर – नौकर चाकर। लजित – शर्मिंदा। वत्स – बेटा। अद्भुत – अनोखा।

पृष्ठ संख्या 13
संकेत – इशारा। सहज – सरल, स्वाभाविक। हतप्रभ – हैरान। सन्नाटा – चुप्पी। योग्य – लायक। अनुमति – इजाजत। पुत्र-बधू – पुत्र की पत्नी।

NCERT Solutions For Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2 PDF

For NCERT Solutions for Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2, you may click on the link below and get your NCERT Solutions for Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2 pdf file.

CLICK HERE

Finally, You all know about NCERT Solutions for Bal Ram Katha Class 6 Question Answers Chapter 2. If you have any questions, then comment below and share this post with others.

Other Chapter of Bal Ram Katha Class 6 Question Answers

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *